मूर्ति का एक पाँव दूसरे के ऊपर चढ़ा होगा, मुड़े हुए चढ़े पाँव के घुटने पर ऋजु कोण बनाता हुआ हाथ रखा होगा.
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श्लोक पर ध्यान दें, मूर्ति का एक पाँव दूसरे के ऊपर चढ़ा होगा, मुड़े हुए चढ़े पाँव के घुटने पर ऋजु कोण बनाता हुआ हाथ रखा होगा.
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अब देखें, जन्म के समय जो ग्रह धरती के क्षितिज पर होगा वह उस व्यक्ति के लिए जिसका जन्म धरती के नैसर्गिक क्षितिज अर्थात सूर्य के अनुपात में विषुवत रेखा से ऋजु कोण के आधार पर होगा ऐसी स्थिति में 211 अंश पर हुआ हो उसके लिए उन समस्त ग्रहों का कितना प्रभाव होगा?